
वहीं, प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवाओं को भी समझ नहीं आ रहा है कि अब वह भविष्य में क्या करेंगे। उल्लेखनीय है कि हरियाणा की एक महिला की शिकायत पर हिमाचल पुलिस ने जांच शुरू की है जिसमें अभी तक करीब पांच लाख डिग्रियां जांच के दायरे में आई हैं। विश्वविद्यालय के राजस्थान स्थित सहयोगी संस्थान और उसके ट्रस्ट के ट्रस्टियों की हरकतों की वजह से युवाओं पर पुलिस की कार्रवाई की तलवार लटक रही है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी मामले में धन शोधन के नजरिये से जांच शुरू कर दी है।
केस एक चंबा के के एक युवा को दुबई में एक कंपनी में नौकरी मिली। नौकरी से पहले जिला प्रशासन चंबा से लेकर अन्य एजेंसियों ने उनकी डिग्रियों व दस्तावेजों को प्रमाणित किया। लेकिन मानव भारती विश्वविद्यालय के फर्जी डिग्री स्कैम के सामने आने के बाद कंपनी ने उन्हें अपने दस्तावेजों को फिर से प्रमाणित कराने के लिए 45 दिन का नोटिस दिया है। भारत सरकार द्वारा दस्तावेज प्रमाणित न किए जाने पर कोरोना काल में कंपनी ने उन्हें निकालने का नोटिस दे दिया है।
केस दो
विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री हासिल कर मृतक आश्रित कोटे में एक केंद्रीय जांच एजेंसी में नौकरी के लिए युवक ने आवेदन किया था। चयन हो गया लेकिन अब केंद्रीय एजेंसी ने विवाद के चलते डिग्री की फिर से जांच के लिए पत्र लिख दिया है। कहा गया है कि अगर दस्तावेज गलत हुए तो नौकरी नहीं मिल सकेगी। साथ ही कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।
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