
फर्जीवाड़ा कर बीपीएल और अंत्योदय सूची में शामिल होने वाले सरकारी अफसरों के राशन कार्ड विभाग ने रद्द कर दिए। खाद्य आपूर्ति विभाग की ओर से जारी की गई गरीब अफसरों की सूची में प्रवक्ता, मेडिकल ऑफिसर ही नहीं, बल्कि डिप्टी डायरेक्टर, प्रिंसिपल और इंजीनियर भी शामिल हैं।
बीपीएल में शामिल इन अफसरों का मासिक वेतन 60 हजार से डेढ़ लाख रुपये तक है, जबकि बीपीएल में चयन का आधार सालाना 45 हजार से अधिक आय न होना है। जिला कांगड़ा में सर्वाधिक 45 और शिमला में गरीबों का हक छीनने वाले अफसरों की संख्या 22 है। बीपीएल और अंत्योदय राशनकार्ड धारक सरकारी अफसरों के राशनकार्ड रद्द कर दिए गए हैं। यह भी जांच शुरू कर दी है कि कहीं इन अफसरों के परिवार में किसी ने बीपीएल और अंत्योदय कोटे से सरकारी नौकरी तो नहीं हासिल की हैं।
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