
कांगड़ा-शिमला जिलों में ऑनलाइन सेवाओं के पायलट प्रोजेक्ट की सफलता के बाद अब हिमाचल के सभी जिलों में इसका दायरा बढ़ाया जाएगा। प्रदेशभर में ड्राइविंग और कंडक्टर लाइसेंस को लेकर ऑनलाइन सेवा ही लागू की जाएगी। परिवहन विभाग ने यह फैसला लिया है। आपको बता दें कि पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर विभाग ने कांगड़ा और शिमला में 27 जुलाई को ऑनलाइन सेवाओं का शुभारंभ किया था। दोनों जिलों में 19 दिनों में ही 14 हजार लोगों ने ड्राइवर, कंडक्टर लाइसेंस समेत आरसी से जुड़े कार्य की मंजूरी के लिए ऑनलाइन आवेदन किया है।
विभाग की ओर से 5 हजार आवेदकों को ऑनलाइन अप्रूवल भी दी गई है। इससे पहले तक लोगों को लर्निंग और ड्राइविंग लाइसेंस बनाने के लिए एसडीएम या आरटीओ कार्यालय के चक्कर काटने पड़ते थे। कागजी कार्रवाई की लंबी प्रक्रिया के चलते लोगों को परेशानी होती थी। लाइसेंस बनाने में 10 से 15 दिन का समय लग जाता था।
ऑनलाइन सुविधा मिलने से लोगों को राहत मिली है। परिवहन विभाग के निदेशक कैप्टन जेएम पठानिया ने कहा कि ड्राइविंग लाइसेंस के साथ लोगों को परमिट के लिए भी ऑनलाइन अप्रूवल दी जा रही है। विभाग कॉल सेंटर संचालित कर लोगों को ऑनलाइन सेवाओं से जुड़ी आवश्यक जानकारी और प्रक्रिया भी मुहैया करा रहा है।
परिवहन विभाग की वेबसाइट पर ई-परिवहन व्यवस्था या सारथी पर जाकर लाइसेंस के लिए आवेदन किया जा सकेगा। इस पर ही ऑनलाइन फीस जमा होगी। मेडिकल और अन्य तरह के दस्तावेज भी ऑनलाइन ही अटैच किए जा सकते हैं।
इस प्रक्रिया के बाद परिवहन विभाग की ओर से आवेदक को ड्राइविंग टेस्ट की डेट दी जाएगी। तय तिथि पर ही आवेदक आरटीओ या एसडीएम कार्यालय टेस्ट देने आएंगे। इसके बाद आवेदक को टेस्ट में पास और फेल की जानकारी भी ऑनलाइन दी जाएगी। पास आवेदक को लाइसेंस भी ऑनलाइन उपलब्ध करा दिया जाएगा।
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