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Monday, August 31, 2020

गलवान में चीन के इतने सैनिकों की हुई थी मौत

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 लद्दाख के गलवान घाटी में भारतीय सेना के बिहार रेजिमेंट और आईटीबीपी के जवानों की दिलेरी के सुबूत आते दिखाई दे रहे हैं। सोशल मीडिया पर वायरल हो रही इन तस्वीरों चीन के शिनजियांग प्रांत में दफनाए गए 80 से ज्यादा सैनिकों की कब्रें दिखाई दे रही हैं। विशेषज्ञों का दावा है कि ये कब्रें उन्हीं चीनी सैनिकों की हैं, जिनकी गलवान घाटी संघर्ष में मौत हो गई थी। इससे पहले एक चीनी सैनिक की कब्र की तस्वीर वायरल हुई थी। इसमें लिखा हुआ था कि चीन-भारत सीमा रक्षा संघर्ष में इस सैनिक की जान गई। गलवान घाटी में 15 जून को हिंसक संघर्ष में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे और चीन के भी 40 से ज्यादा सैनिक हताहत हुए थे। भारत ने जहां अपने मारे गए सैनिकों की संख्या का ऐलान किया, लेकिन चीन ने आज तक अपने मारे गए सैनिकों के बारे में कोई जानकारी नहीं दी है। अब पहली बार चीनी सैनिकों के कब्र की तस्वीरें इंटरनेट पर वायरल हो रही हैं।
चीनी मामलों के एक एक्सपर्ट ने यह दावा किया है कि इंटरनेट पर एक तस्वीर शेयर की जा रही है, जिसमें गलवान में मारे गए चीनी सैनिकों की कब्र दिखाई दे रही है। चीनी मामलों के एक्सपर्ट एम टेलर फ्रैवल ने दावा किया है कि चीन की माइक्रोब्लॉगिंग साइट पर यह तस्वीर शेयर की गई है। इसमें दिख रही कब्र एक 19 साल के चीनी सैनिक की है, जिसकी मौत चीन-भारत सीमा रक्षा संघर्ष में जून 2020 में हो गई। उसके फुजियान प्रांत से होने का दावा किया गया है। साथ ही टेलर ने यह भी बताया है कि तस्वीर में दिख रही कब्र पर सैनिक की यूनिट का नाम 69316 बताया गया है जो गलवान के उत्तर में स्थित चिप-चाप घाटी में तियानवेन्दियन की सीमा रक्षा कंपनी लग रही है। टेलर ने दूसरे सूत्र के हवाले से लिखा है कि यह 13वीं सीमा रक्षा रेजिमेंट का हिस्सा है। उन्होंने यह भी दावा किया है कि 2015 में इस यूनिट का नाम केंद्रीय सैन्य आयोग ने यूनाइटेड कॉम्बैट मॉडल कंपनी रख दिया था। उन्होंने लिखा है कि इससे पता चलता है कि गलवान घाटी में चीन ने कौन सी यूनिट तैनात की थीं।
इस बीच सेटेलाइट तस्वीरों में चीन के शिनजियांग प्रांत के होटन इलाके में पिशान काउंटी में सामूहिक कब्र नजर आई है। ऐसा दावा किया जा रहा है कि ये कब्रें गलवान में मारे गए चीनी सैनिकों की हैं। बता दें कि लद्दाख की गलवान घाटी में मई से पैदा हुए तनावपूर्ण हालात के बाद 15 जून को हिंसक झड़प हो गई थी। इस दौरान डिसइंगेजमेंट के तहत चीनी सैनिक तय जगह से पीछे हटे या नहीं, यह चेक करने गए भारतीय सैनिको पर चीन के सैनिकों ने कांटेदार लाठियों से हमला कर दिया था। इस घटना में 20 भरतीय जवान शहीद हो गए थे जबकि चीन ने इस बात को स्वीकार ही नहीं किया कि उसके सैनिक भी घायल हुए हैं। घटनास्थल के पास चीन के हेलिकॉप्टर भी देखे गए जो घायल और मृत सैनिकों को लेकर गए। चीन ने यह तो स्वीकार किया कि उसके भी सैनिक मारे गए लेकिन कितने सैनिक मारे गए, इस पर कुछ नहीं कहा। यहां तक कि उसने अपने मारे गए सैनिकों का सम्मान के साथ विधिवत अंतिम संस्कार भी नहीं किया, जिसे लेकर उन सैनिकों के परिजनों में नाराजगी दिखी।
कुछ जगहों पर प्रदर्शन भी हुए। कई रिपोर्ट्स के अनुसार चीन में सैनिकों के परिजनों को सिर्फ अस्थि कलश दिए गए थे। इस तरह उसकी पूरी कोशिश गलवान के सच को दबाने की थी लेकिन ताजा तस्वीर ने एक बार फिर उसकी पोल खोल दी है।

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