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Friday, August 21, 2020

पीएचसी में कितना स्टाफ और कितना चाहिए; हाई कोर्ट ने मांगा जवाब, अब नौ सितंबर को होगी सुनवाई

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प्रदेश भर के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में डाक्टर और अन्य स्टाफ की कमी दूर करने के आग्रह वाली याचिका पर सुनवाई दो सितंबर के लिए टल गई।  पिछली सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश लिंगप्पा नारायण स्वामी और न्यायाधीश अनूप चिटकारा की खंडपीठ ने राज्य सरकार को आदेश दिए थे कि वह अदालत को बताए कि प्रदेश के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में कितने डाक्टर नियुक्त किए गए हैं और हर केंद्र में कितने कर्मचारियों की सेवाओं की आवश्यकता रहती है। राज्य सरकार की ओर से पिछले आदेशो की अनुपालना में स्वास्थ्य केंद्रों सहित स्टाफ की सूची पेश की गई। कोर्ट के आदेशों की अनुपालना में उठाए गए कदमों बाबत जानकारी देने हेतु कोर्ट ने राज्य सरकार को अतिरिक्त समय दिया।
शिमला स्थित घणाहट्टी के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में डाक्टर की कमी को उजागर करने वाली याचिका की सुनवाई के पश्चात अदालत ने यह आदेश पारित किए। जनहित में दायर याचिका में आरोप लगाया गया है कि  घणाहट्टी के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत डाक्टर का मार्च में स्थांनातरण किया गया था और उस दिन से यह स्वास्थ्य केंद्र बिना डाक्टर के चल रहा है। याचिका में दलील दी गई है कि घणाहट्टी में लगभग बारह हजार लोगों की संख्या है, जिनमे सें करीब बारह सौ लोग वरिष्ठ नागरिक हैं, जिन्हें नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में डाक्टर न होने के कारण परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। घणाहट्टी के उपप्रधान द्वारा दायर याचिका के माध्यम से अदालत को बताया कि वैश्विक बीमारी कोविड-19 के चलते जोनल अस्पताल दीन दयाल उपाध्याय को सेंटर बनाया गया है।
 इस कारण इस अस्पताल में आम लोगों का इलाज नहीं हो रहा है। उधर, इंदिरा गांधी मेडिकल कालेज में आम मरीजों की संख्या ज्यादा हो गई है। प्रार्थी के अनुसार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में डायरा बिलासपुर, कथैल चंबा, फरेर कांगड़ा, स्पिलो व कड़छम किन्नौर में डाक्टर सरप्लस में चल रहे हैं। हालांकि राज्य सरकार ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कोहोबाग व सारडा के डाक्टरों को थोड़े थोड़े समय के लिए अपने स्वास्थ्य केंद्रों के अलावा घणाहटी के लिए तैनात किया गया है,  मगर इससे तीन स्वास्थ्य केंद्रों का काम प्रभावित हो रहा है, क्योंकि तीनों स्वास्थ्य केंद्रों को डाक्टर पूरा समय नहीं दे पा रहे हैं। इस तरह सरप्लस में चल रहे डाक्टरों को रिक्त स्वास्थ्य केंद्रों में तैनाती दी जा सकती है। मामले पर आगामी सुनवाई दो सितंबर को निर्धारित की गई है।

from HIM NEWS
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