अशोक कुमार ने बताया कि उनकी बेटी 25 दिसम्बर, 2019 को आचानक बीमार पड़ गई। उसके बाद उसे इलाज के शिमला ले जाया गया। शिमला में पता चला कि बच्ची को ब्रेन ट्यूमर है। फिर उसे इलाज के चंडीगढ़ रैफर कर दिया गया लेकिन नन्ही अंशिका की हालत दिन-प्रतिदिन बिगड़ती रही। अब हालत ये है कि पीजीआई के डॉक्टरों ने भी इलाज करने से अपने हाथ खींच लिए हैं। डॉक्टरों ने कहा कि अंशिका का ब्रेन ट्यूमर इलाज से बाहर है।
अशोक कुमार को नन्हीं अंशिका को इलाज के लिए पीजीआई ले जाना महंगा साबित हो रहा है। उसे निजी गाड़ी कर पीजीआई पहुंचना पड़ रहा है। कुछ स्थानीय लोगों ने अशोक कुमार की मदद भी की लेकिन घर पर ऑक्सीजन का प्रबंध और दवाइयों पर खर्च वहन करना अशोक के लिए मुश्किल हो रहा है।
अशोक ने प्रदेश सरकार व दानी सज्जनों से मदद की गुहार लगाते हुए कहा है कि जो दानी सज्जन मेरी बेटी के इलाज के लिए सहायता करना चाहता है, वह मेरी पत्नी नेहा शर्मा के एसबीआई मैहरे शाखा में खाता संख्या 55149603183 (IFSC Code SBIN0050296) पर मदद कर सकता है या मोबाइल नंबर 85680-35568 संपर्क कर सकता है।
वहीं अशोक कुमार की पत्नी नेहा शर्मा ने कहा कि घर की आर्थिक स्थिति बहुत खराब हो चुकी है। एक तो लॉकडाऊन में पति की नौकरी भी छूट गई है और ऊपर से बेटी के इलाज के लिए घर में एक भी पैसा नहीं है। नेहा व स्थानीय लोगों ने भी सरकार व दानी सज्जनों से मदद की गुहार लगाई है।
वहीं अशोक कुमार की पत्नी नेहा शर्मा ने कहा कि घर की आर्थिक स्थिति बहुत खराब हो चुकी है। एक तो लॉकडाऊन में पति की नौकरी भी छूट गई है और ऊपर से बेटी के इलाज के लिए घर में एक भी पैसा नहीं है। नेहा व स्थानीय लोगों ने भी सरकार व दानी सज्जनों से मदद की गुहार लगाई है।
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