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Thursday, July 30, 2020

अब हिमखंड व भूस्खलन में भी बंद नहीं होगी अटल टनल

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अटल टलन
भारी बर्फबारी के चलते छह माह तक बंद रहने वाले रोहतांग दर्रा के नीचे बन रही 8.8 किलोमीटर लंबी अटल टनल से अब वाहनों की आवाजाही 12 महीने होगी। यह सुरंग हिमखंड गिरने और भूस्खलन से भी बंद नहीं होगी। अटल टनल के बनने से मनाली से लेह की दूरी 46 किलोमीटर कम होगी। मनाली के सोलंगनाला से अटल टलन के साउथ पोर्टल तक हिमखंड को लेकर अतिसंवेदनशील जगहों पर आठ स्नो गैलरियों का निर्माण किया जा है। सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण मनाली-लेह मार्ग पर बन रही अटल टनल का निर्माण कार्य इन दिनों अंतिम दौर में है। रक्षा मंत्रालय ने सितंबर में इसके उद्घाटन का लक्ष्य रखा है। सर्दियों में भारी बर्फबारी के कारण मनाली से धुंधी तक मार्ग कई महीनों तक यातायात के लिए बंद रहता है।
सोलंगनाला से लेकर अटल टनल के साउथ पोर्टल तक हिमखंड गिरने का खतरा रहता है। धुंधी के पास हिमखंड गिरने से कई बार सुरंग के साउथ पोर्टल का मुहाना बंद हो चुका है। ऐसे में इस प्वाइंट पर आरसीसी की स्नो गैलरी बनाने का काम किया जा रहा है। टनल प्रबंधक ने सोलंगनाला से धुंधी साउथ पोर्टल तक एवलांच और भूस्खलन के 10 स्थान चिह्नित किए थे, लेकिन 2003 से चल रहे अध्ययन में केवल आठ जगह फाइनल की गई हैं। इनमें पांच स्नो गैलरी का काम पूरा हो चुका है, जबकि तीन अन्य का काम युद्धस्तर पर चल रहा है। उधर, अटल टनल के मुख्य अभियंता ब्रिगेडियर केपी पुरुषोत्तमन ने कहा कि  टनल के साउथ पोर्टल पर स्नो गैलरी बनाने का काम तेजी से चल रहा है।
हिमखंड रोकने में सक्षम है स्नो गैलरी  सोलंगनाला से साउथ पोर्टल तक स्नो गैलरी का निर्माण इंजीनियरों की ओर से विशेष रूप से किया जा रहा है। इसमें कितना रेत-बजरी और लोहा लगाना है, इस गुणवत्ता का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। स्नो गैलरी हिमखंड के साथ भूस्खलन में आने वाली चट्टानों और मलबे को रोकने में सक्षम है। टनल परियोजना के अधिकारी ने कहा कि इस तरह की स्नो गैलरी का निर्माण स्विट्जरलैंड, ऑस्ट्रिया और जर्मनी सहित कई देशों में किया गया है।


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