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Monday, July 13, 2020

हिमाचल में पर्यटन को 5000 करोड़ से अधिक की चपत कोरोना से

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वैश्विक महामारी कोरोना पहाड़ी राज्य हिमाचल के पर्यटन कारोबार पर कहर बनकर टूटी है। तीन महीने में पर्यटन कारोबार को 5000 हजार करोड़ से अधिक की चपत लग चुकी है। 50 हजार से अधिक लोगों को या तो रोजगार से हाथ धोना पड़ा है या उनके रोजगार पर संकट की तलवार लटकी है। सैलानियों से सीधे जुड़े 6000 हजार से अधिक होटल, होम स्टे यूनिट और गेस्ट हाउस बंद हैं। कोरोना की मार के ये आंकड़े शिमला, कुल्लू-मनाली, कांगड़ा समेत धर्मशाला, मैकलोडगंज और चंबा जिले के हैं। पूरे प्रदेश की बात करें तो नुकसान के आंकड़े इससे कहीं अधिक हैं।

अनलॉक-02 में केंद्र की गाइडलाइन पर जयराम सरकार ने हिमाचल के द्वार भले ही सैलानियों के लिए खोल दिए हैं, लेकिन स्थिति में सुधार होता नहीं दिख रहा है। कोरोना संक्रमण के खतरे से बड़ी संख्या में होटल कारोबारी और व्यापारी सैलानियों का स्वागत करने से गुरेज कर रहे हैं। कड़ी शर्तों के चलते प्रदेश में प्रवेश करने वाले सैलानियों को लौटाया जा रहा है। बरसात का सीजन भी शुरू हो चुका है। साफ है कि इस विकट स्थिति से निपटने और पर्यटन कारोबार को पटरी पर लाने में हिमाचल को अभी लंबा समय लगेगा।

कोरोना ने 30 साल में पहली बार कुल्लू-मनाली के पर्यटन को दो हजार करोड़ का झटका दिया है। साढ़े तीन माह से बंद पर्यटन गतिविधियों के कारण करीब 20 लाख सैलानी कुल्लू-मनाली और रोहतांग का दीदार नहीं कर सके। 3000 होटल, रेस्तरां, कॉटेज, होमस्टे तथा रेस्टहाउसों में ताला लटका है। पर्यटन सीजन में काम करने वाले 20 हजार लोगों का रोजगार छिन गया है। अप्रैल से जुलाई तक सैलानियों से गुलजार रहने वाले कुल्लू जिले के करीब एक दर्जन से अधिक पर्यटन स्थल सूने पड़े हैं। साहसिक गतिविधियां ठप हैं। पिछले साल इसी अवधि में 15 लाख से अधिक सैलानी कुल्लू-मनाली आए थे। जिले के कारोबारियों को अब दशहरा में ही पर्यटन कारोबार चलने की उम्मीद है। शिमला में कोरोना ने पर्यटन कारोबारियों को 1500 से अधिक की चोट दी है।

from HIM NEWS
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