शौर्यवीर योगेंद्र यादव ने बताया कि युद्ध के दौरान उन्हें 17 गोलियां लगी थीं. दुश्मनों ने उनके सीने को गोलियों से छलनी कर दिया था. फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी और घायल अवस्था में ही पाकिस्तानी सैनिकों के छक्के छुड़ा दिए. साथ ही खुद को बचाया. योगेंद्र का मानना है कि दुश्मनों को बुलेट से नहीं, जोश और ताकत से भी हराया जा सकता है.
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