
कोरोना संकट के बीच बागवानों को स्कैब के बाद वूली एफिड ने झटका दिया है। बगीचों में वूली एफिड रोग का कहर देखने को मिल रहा है। सेब में बढ़ रही बीमारी को लेकर बागवान चिंतित हैं। बरसात शुरू होने के बाद इस बीमारी के अधिक फैलने का अंदेशा है। बागवान कमल सिंह ने कहा कि कोरोना की वजह से पहले ही बागवानों की मुश्किलें बढ़ गईं हैं।
बगीचों में स्कैब के बाद वूली एफिड रोग से बागवानों को नुकसान उठाना पड़ेगा। वूली एफिड में सेब के पत्तों व तने में सफेद रंग की रूई लग रही है। इसके बाद यह कीट पत्तों को चट कर रहे हैं। समय से पहले पत्ते गायब होने से पौधा कमजोर होगा। इसका असर सेब की गुणवत्ता और उसके रंग पर पड़ेगा। बताया जा रहा है कि बंजार में तीर्थन घाटी के कई क्षेत्रों में वूली एफिड रोग का असर बगीचों में देखने को मिल रहा है।
उधर, विषयवाद विशेषज्ञ रामनाथ ठाकुर ने कहा कि अगर कहीं पर बीमारी का प्रकोप अधिक है तो विभाग के विशेषज्ञों से सलाह लें। जिन बागवानों ने विभाग द्वारा समयसारिणी के अनुसार दवाइयों का छिड़काव किया है। वहां बीमारियों का असर नहीं होता।
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