
नेता विपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि छाती चौड़ी करें, चाहे 56 ईंच रखें। इससे जनता या प्रदेश को कोई मतलब नहीं है। सवाल यह है कि भ्रष्टाचार के आरोप क्यों लगे। जांच क्यों हो रही है। गिरफ्तारियां क्यों हो रही है। ऑडियो किसके हैं। बिंदल को इस्तीफा क्यों देना पड़ा। इन सभी सवालों के जवाब दिए बिना जयराम व इनकी सरकार अपने आप को दूध की धुली न समझे। दाग लग चुके हैं, अब साख बचाने का कम मौका है। भाजपा कीचड़ में कमल खिलने की बात करती है, अब उसी कीचड़ से दागदार हो रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री तू तड़ाक की भाषा छोड़ दें। हम कई बार चेता चुके हैं कि यदि चाहेंगे, तो हम भी पलटकर इसी भाषा में जवाब दे सकते हैं। संस्कार राजनीति में रहने दें। यदि सीएम यह सोचते हैं कि वह अपने विरोधियों को निपटा देंगे, तो यह उनका वहम है। उन्होंने कहा कि भाजपा के भीतर ज्वालामुखी फिर सुलग गई है। चिंगारी कभी भी विस्फोट बन जाएगी। जयराम ठाकुर मुख्यमंत्री हैं, पर सत्ता इनके नाम पर नहीं आई है। यह भी ध्यान रखना चाहिए।
संभल जाएं, नहीं तो
जिस रूप में जयराम ने पारी की शुरुआत की थी, उससे अच्छे संकेत आए थे, लेकिन अब निपटाने की राजनीति में उलझकर वह दिशा भटक चुके हैं, फ्लॉप हो चुके हैं। अभी भी समय है संभल जाएं। अन्यथा इतिहास के पन्नों के सरकार गिरने का नाम दर्ज हो जाएगा।
वीरभद्र चिट्ठी भेजते हैं, तो सम्मान करें
मुकेश ने कहा कि 60 वर्ष की राजनीति का तजुर्बा वीरभद्र सिंह को है। यदि वह चिट्ठी लिखते हैं, तो उसका सम्मान करना सीखें। जिस दौर में वीरभद्र व अन्य मुख्यमंत्रियों ने काम किया है, वह भी कोई कम दौर नहीं थे। ऐसे में अपने आपको जयराम कोई अलबेला सीएम न समझें।
FROM - HIM NEWS
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