
हिमाचल /शिमला में भारी बारिश के बाद तबाही का सिलसिला जारी है। छोटा शिमला के ऐराहोम इलाके में शनिवार सुबह करीब साढ़े दस बजे चार मंजिला भवन ढह गया। गनीमत यह रही कि हादसे के वक्त भवन खाली था जिससे कोई जानी नुकसान नहीं हुआ। भवन के ढहने से करोड़ों रुपये का नुकसान होने का अनुमान है। पुलिस के अनुसार यह भवन कारोबारी एवं कॉन्ट्रेक्टर अजय सूद का है। अजय सूद खुद लोअर बाजार में रहते हैं।
शनिवार सुबह करीब नौ बजे अचानक भवन की दीवारों में दरारें आने लगी। इसकी सूचना मिलते ही जिला प्रशासन और नगर निगम की टीमें मौके पर पहुंच गई। दरारें धीरे धीरे बढ़ने लगी और करीब साढ़े दस बजे भवन धराशायी हो गया। प्रशासन की टीमों के सामने भवन चंद मिनटों में ही मलबे में बदल गया। इसके ढहने से साथ लगते कई भवनों को भी नुकसान पहुंचा है। हादसे की सूचना मिलते ही डीसी अमित कश्यप, मेयर सत्या कौंडल और स्थानीय पार्षद विदुषी शर्मा भी मौके पर पहुंचे।
उपायुक्त ने दिए जांच के आदेश
मौके पर मौजूद लोगों के अनुसार भवन की नींव कमजोर थी। नींव में एक पुराना डंगा भी था। अंदेशा है कि बारिश के कारण यह डंगा धंस गया और भवन ढह गया। हालांकि, भवन बारिश के कारण गिरा या फिर घटिया निर्माण सामग्री के कारण, इसका पता अभी नहीं चल पाया है। डीसी अमित कश्यप ने हादसे के कारणों की जांच के आदेश दे दिए हैं। स्थानीय पार्षद विदुषी शर्मा ने कहा कि भवन निर्माण में घटिया सामग्री के इस्तेमाल के आरोप लगे हैं। इसका केस बाकायदा उपभोक्ता फोरम में चला था। मेयर सत्या कौंडल ने कहा कि नगर निगम की टीमें राहत कार्यों और मलबा हटाने के काम में जुट गई है।
भवन गिरने से एक घंटा पहले ही निकले थे दफ्तर
चार मंजिला भवन का ग्राउंड फ्लोर खाली था। स्थानीय पार्षद के अनुसार पहली मंजिल भाषा विभाग के उप निदेशक प्रेम शर्मा ने साल 2010 में खरीदी थी। प्रेम शर्मा ने बताया कि वह भी इस फ्लैट में कम ही रहते थे। हालांकि, सुबह वह यहीं से दफ्तर गए। सवा नौ बजे दफ्तर के ही एक कर्मचारी ने यहां से गुजरते वक्त सूचना दी कि आपका भवन टेढ़ा हो रहा है।
इसके बाद मौके पर पहुंचे तो देखा कि दीवारों पर कुछ दरारें हैं। प्रेम शर्मा ने कहा कि उन्होंने भवन मालिक को कॉल किया, लेकिन फोन नहीं उठाया। इसके बाद वह दफ्तर लौट गए। साढ़े दस बजे सूचना मिली कि भवन गिर गया है। इस भवन का तीसरा और चौथा फ्लोर खाली था। प्रेम शर्मा के अनुसार उनके फ्लैट में भी लाखों का सामान था जो मलबे में दब गया है।
मौके पर एक दर्जन खतरनाक पेड़
भवन ढहने के कारण मौके पर एक दर्जन पेड़ ढहने का भी खतरा है। यह पेड़ एक दूसरे पर लटक रहे हैं। वन विभाग को इन्हें तुरंत काटने को कहा है। भवन का मलबा साथ लगते घरों की छतों और दीवारों पर भी गिरा है जिससे इन्हें भी भारी नुकसान हुआ है।
नुकसान का कर रहे हैं आकलन : डीसी
डीसी अमित कश्यप ने कहा कि सुबह सूचना मिली थी कि भवन टेढ़ा हो गया है। इसके बाद टीम मौके पर भेजी थी। भवन खाली था। इसके ढहने से कितना नुकसान हुआ है, इसका आकलन किया जा रहा है। मौके से मलबा हटाने और पेड़ कटवाने के निर्देश दिए हैं। जिले में बाकी जगह भी नुकसान की रिपोर्ट ली जा रही है।
FROM - HIM NEWS
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