
कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के चलते प्रभावित हुए प्रदेश के निजी विश्वविद्यालयों के खर्चे पूरे करने को सरकार ऋण देने का विचार कर रही है। इस बाबत कैबिनेट की आगामी बैठक में प्रस्ताव भेजने की तैयारी शुरू हो गई है। इस ऋण से निजी विश्वविद्यालय स्टाफ का वेतन चुका सकेंगे। विद्यार्थियों की फीस जमा होने पर बैंक अपनी किस्त काट लेंगे।
विभागीय अधिकारियों के अनुसार सरकार के पास हर विश्वविद्यालय का करीब तीन-तीन करोड़ का इंडाउनमेंट फंड जमा है। निजी विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधियों ने बीते दिनों मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री और शिक्षा सचिव से मुलाकात कर इस फंड पर ऋण लेने की सुविधा देने की मांग की है। निजी विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधियों का कहना है कि वैश्विक महामारी कोरोना के बीच निजी विवि चलाना मुश्किल हो गए हैं।
शिक्षकों और गैर शिक्षकों को वेतन देने की समस्या खड़ी हो गई है। ऐसे में सरकार को राहत प्रदान करते हुए इंडाउनमेंट फंड पर ऋण लेने का प्रावधान करना चाहिए। जैसे ही हालात सामान्य होते हैं और कक्षाएं शुरू होती है तो विद्यार्थियों से ली जाने वाली फीस से इस ऋण की अदायगी कर दी जाएगी।
इससे निजी विश्वविद्यालय भी इस संकट के समय में अपना काम चला सकेंगे। उधर, निजी विवि प्रबंधनों की मांग पर शिक्षा विभाग ने इसको लेकर प्रस्ताव बनाना शुरू किया है।
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