
नेरचौक –उपमंडल बल्ह के रत्ती निवासी कोरोना संक्रमित महिला की मृत्यु के बाद मंगलवार को महिला के अंतिम संस्कार स्थल को लेकर खूब हंगामा हुआ और स्थान को लेकर लोगों ने प्रशासन का विरोध किया। हालांकि भारी पुलिस बल की मौजूदगी में प्रशासन ने महिला का दाह संस्कार चिन्हित स्थान सुकेती खड्ड किनारे ही किया, लेकिन इस प्रक्रिया में प्रशासन को स्थानीय जनता के विरोध का सामना करना पड़ा।
प्रशासन ने अंतिम संस्कार के लिए सुबह सात बजे का समय निश्चित किया था, लेकिन सुबह सात बजे के आसपास जब प्रशासन अंतिम संस्कार स्थल पर तैयारी में जुटा हुआ था, तो स्थानीय लोगों ने वहां पर विरोध जताना शुरू कर दिया, जिस पर श्मशानघाट पर मौजूद प्रशासनिक अधिकारियों ने उन्हें समझा-बुझाकर शांत कर लिया, लेकिन कुछ समय पश्चात अंतिम संस्कार के लिए आ रही एंबुलेंस और दूसरे वाहनों को डडौर स्थित सब्जी मंडी के सामने से श्मशानघाट को गुजरने वाले रास्ते को स्थानीय जनता द्वारा पार्षदों की अगवाई में पत्थर रख बंद कर दिया गया, जिससे अंतिम संस्कार भी करीब दो घंटे देरी से हो सका।
यही नहीं इसके बाद भारी संख्या में पुलिस जवानों की भी तैनाती करनी पड़ी। बंद किए गए रास्ते को भी पुलिस कर्मियों ने खुद बहाल किया। यहां स्थानीय पार्षद आलम राम तथा सुमन चौधरी ने एतराज जताया कि उन्हें दाह संस्कार की जानकारी नहीं दी जा रही है। स्थानीय लोगों तथा पार्षदों ने विरोध जताया कि जब मृत महिला वार्ड नंबर एक की निवासी है तो वार्ड नंबर 10 में पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार क्यों किया जा रहा है।
उनका कहना था कि नेरचौक अस्पताल में जिला हमीरपुर के रहने वाले कोरोना संक्रमण व्यक्ति के दाह संस्कार का उन्होंने मानवता के नाते विरोध नहीं जताया था, मगर अब नेरचौक मेडिकल कालेज एवं अस्पताल में कोरोना संक्रमण से हुई दूसरी मौत के पार्थिव शरीर को भी उन्हीं के वार्ड में अंतिम संस्कार करना सही नहीं है। नियमानुसार महिला के पार्थिव देह को उन्हीं के वार्ड में स्थित श्मशानघाट में संस्कार किया जाए। वहीं विरोध स्थल पर मौजूद उपमंडलाधिकारी बल्ह आशीष शर्मा, डीएसपी अनिल पटियाल, थानेदार राजेश कुमार, तहसीलदार राजेंद्र ठाकुर द्वारा अपने-अपने तरीके से समझाने बुझाने तथा इस मसले को बैठक कर सुलझाने के आश्वासन पर विरोध जता रहे लोग शांत हुए।
from - Him News
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