
कोरोना काल में सवारी की कमी से कुल्लू जिला में परिवहन सेवाएं हांफने लगी हैं। परिवहन व्यवसाय में वर्तमान समय में हालात आमदनी अठन्नी खर्चा रुपये वाले हो गए हैं। प्रदेश सरकार की ओर से निजी बस ऑपरेटरों को राहत देने के लिए हालांकि बस किराये में भी बढ़ोतरी की गई है, लेकिन कोरोना के खौफ और किराया बढ़ोतरी के बाद लोग बसों में सफर करने से कतरा रहे हैं, जिससे निजी बस ऑपरेटरों को घाटा उठाना पड़ रहा है।
हालत यह है कि जिला कुल्लू में निजी बसों के 90 रूट हैं जिनमें से अभी तक 35 पर ही बसें चल रही हैं, जबकि 55 रूट अभी तक बंद पड़े हैं। निजी बस ऑपरेटर तो मंदी की मार झेल ही रहे हैं, लेकिन हिमाचल पथ परिवहन निगम भी हर दिन घाटा उठा रही है। किराया बढ़ने के बाद निजी बसों के साथ-साथ पथ परिवहन निगम की बसों में भी सवारियों की संख्या कम होने लगी है, जिन बसों में सवारियों की संख्या किराया बढ़ने से पहले 40 फीसद थी वह घटकर केवल 10 फीसद तक पहुंच चुकी है।
from HIM NEWS
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